मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । छत्तीसगढ़ का मुंगेली जिला एक बार फिर जंगल तस्करी को लेकर चर्चा में है। राजकीय वृक्ष साल की अवैध कटाई और परिवहन के मामले में पुलिस ने दो तस्करों को रंगे हाथों पकड़ा है। लेकिन इस कार्रवाई ने वन विभाग की कार्यशैली और सरकारी तंत्र की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
13 जून की रात, लोरमी-कोटा मार्ग पर सर्किट हाउस के पास पुलिस की चेकिंग के दौरान एक पीकअप वाहन (CG 04 DE 2051) को रोका गया। जब वाहन की तलाशी ली गई तो उसमें 49 नग साल वृक्ष की कच्ची ईमारती लकड़ी बरामद हुई जिसकी अनुमानित कीमत ₹1 लाख बताई जा रही है।
वाहन में सवार दो आरोपी — अजय सोनवानी (29), निर्मल सोनवानी (25), दोनों बांधा गांव के निवासी — ने स्वीकार किया कि वे बांधा से साल लकड़ी की तस्करी कर रहे थे।
पुलिस द्वारा वाहन और लकड़ी को जब्त कर आरोपियों को वन विभाग को सौंप दिया गया है। वन संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सिर्फ तस्कर पकड़ा गया... पर तंत्र कब?
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन में ऑपरेशन बाज अभियान के तहत कार्रवाई की गई, जो सराहनीय है। लेकिन सवाल यह है कि जंगल की लकड़ी काटी जा रही थी, वो भी एक नहीं बल्कि दर्जनों पेड़... और वन विभाग को भनक तक नहीं लगी? क्या यह संभव है कि इतनी भारी मात्रा में लकड़ी तस्करों द्वारा काटी जाए और स्थानीय वनरक्षक, बीट गार्ड और संबंधित अधिकारी अनजान बने रहें?
या फिर यह पूरी तस्करी सिस्टम के मौन समर्थन से संचालित हो रही थी?
साल वृक्ष — सिर्फ लकड़ी नहीं, छत्तीसगढ़ की पहचान!
राजकीय वृक्ष साल ना केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक पहचान भी है। इसके पत्तों से पत्तल बनते हैं, लकड़ी का निर्माण कार्यों में उपयोग होता है, और यह आदिवासी जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है। हर साल पेड़ अघोषित रूप से गायब हो जाते हैं — ना कोई पुख्ता सर्वे, ना निगरानी, ना जिम्मेदारी तय होती है।
वन विभाग की भूमिका पर सवाल
सवाल पूछने पर वन विभाग की ओर से सिर्फ एक पंक्ति की प्रेस स्टेटमेंट आयेगी : मामले की जांच जारी है, कार्रवाई की जा रही है।
लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि:
जंगल के उस क्षेत्र में बीट गार्ड कौन था?
तस्करी की सूचना पहले क्यों नहीं मिली?
क्या संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी?
क्या यह पहली बार हुआ है या एक नेटवर्क है जो लगातार कटाई कर रहा था?
राजकीय वृक्ष ‘साल’ की तस्करी महज अपराध नहीं, ये हमारी सामूहिक नाकामी का प्रतीक है — शासन की, समाज की और संवेदनाओं की। जब तक वन विभाग और संबंधित तंत्र पर जवाबदेही तय नहीं होगी, तस्कर पकड़ना एक सतही सफलता ही मानी जाएगी।
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