गुरु खुशवंत साहेब पर हमले की जांच को लेकर सतनामी समाज में आक्रोश, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप उग्र आंदोलन की चेतावनी

मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । अखिल भारतीय सतनाम समाज के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक आरंग एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब पर बेमेतरा जिले में हुए जानलेवा हमले को लेकर सतनामी समाज में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। घटना की उच्च स्तरीय जांच व दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर समाजजनों ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, मुंगेली को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। उल्लेखनीय है कि दिनांक 12 जुलाई 2025 को गुरु खुशवंत साहेब जिला बेमेतरा अंतर्गत तहसील नवागढ़ में सतनामी समाज के संगठन के विस्तार हेतु पहुंचे थे। कार्यक्रम के उपरांत जब वे लौट रहे थे, तब ग्राम मोइनभाटा के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने षड्यंत्रपूर्वक उनकी गाड़ी पर पत्थरबाजी कर जान से मारने का प्रयास किया।

घटना की जानकारी मिलते ही समाज के प्रेरणा स्रोत धर्मगुरु राजा गुरु बाल बाल दास साहेब भंडारपुरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 13 जुलाई को दोपहर 1 बजे घटनास्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ अखिल भारतीय सतनाम सेना, गिरोधपुरी मेला विकास समिति, सतनाम धर्म महासभा सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई, जिस पर नाराजगी जताई गई और पुलिस अधीक्षक, बेमेतरा को दो दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर घटना की विस्तृत जांच करवाने की मांग की गई।

लेकिन घटना के कई दिन बाद भी न तो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई और न ही प्रशासन ने कोई ठोस जांच प्रारंभ की है, जिससे समाज में भारी असंतोष व्याप्त है। समाजजनों ने स्पष्ट किया है कि यदि शीघ्र न्याय नहीं मिला तो छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में बसे सतनामी समाज के लोग आंदोलन के लिए विवश होंगे। इस ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमोद सतनामी (जिला अध्यक्ष), सुखचंद सतनामी (प्रदेश महासचिव), देवेंद्र सतनामी (सतनाम सेना), मानिक सोनवानी, रेखचंद सतनामी (जिला प्रभारी), जैत सतनामी (कोषाध्यक्ष), बोगी सतनामी, नरेंद्र सतनामी (अखाड़ा प्रमुख), धर्मेन्द्र सतनामी, छत्रपाल सतनामी, कुंजन रामकुमार, भरत सतनामी, ताराचंद, दिलीप, बाबूलाल, हीरा दास सहित समाज के अनेक प्रमुख जन भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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