प्रतापपुर तालाब में सैकड़ों मछलियों की रहस्यमयी मौत: पांच साल बाद फिर दोहराया गया तालाब का काला खेल, सैकड़ों मछलियों की मौत से गूंज उठा प्रतापपुर जहर से भरा तालाब या प्राकृतिक आपदा? प्रतापपुर में मछलियों की सामूहिक मौत ने उठाए कई सवाल गांव का तालाब बना मौत का ताल, सैकड़ों मछलियों की लाशें देख दहशत में आए ग्रामीण, FIR दर्ज कराने पहुंचे किसान

मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । जिले के ग्राम पंचायत प्रतापपुर में रविवार सुबह बड़ा हादसा सामने आया, जहां तालाब में सैकड़ों मछलियां मृत पाई गईं। तालाब में फैली मृत मछलियों की दुर्गंध से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया।

मछली पालन करने वाले किसान ने आशंका जताई है कि अज्ञात व्यक्ति ने तालाब में जहर डाला है, जिसके कारण मछलियां मर गईं। मृत मछलियों में छोटी मछलियों से लेकर आधा किलो और एक किलो तक की मछलियां शामिल हैं। किसान ने बताया कि सावन महीने में मछली नहीं निकाली गई थी और कल से मछली निकालने की योजना थी, लेकिन उससे पहले ही यह घटना हो गई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना 5–6 साल पहले भी हो चुकी है। किसान ने आगे बताया कि इस मामले में वह पुलिस थाना में FIR दर्ज कराएंगे। 

ग्राम पंचायत प्रतापपुर के सरपंच राजकुमार यादव ने भी आशंका जताई है कि किसी ने तालाब में जहर डाला है। उन्होंने चेतावनी दी है कि फिलहाल तालाब के पानी का उपयोग न किया जाए, क्योंकि इससे अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इस घटना पर मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पानी के किनारों पर चुना डाला जाएगा और तालाब का 2–3 फीट पानी निकाला जाएगा, ताकि प्रदूषण और संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।
किसान ने प्रशासन से मामले की गहन जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। प्रतापपुर में ग्रामीण और प्रशासनिक अमला पहुंचे हुए है।

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