न्यायधानी बिलासपुर में रिश्वतखोरी के आरोप में राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन गिरफ्तार, प्रशासन ने किया निलंबित



बिलासपुर । छत्तीसगढ़ प्रसार। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के तहसील ऑफिस में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने बीते दिनों एक राजस्व निरीक्षक (RI) संतोष देवांगन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस घटना ने प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है और आरोपी संतोष देवांगन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

शिकायत और गिरफ्तारी की पूरी घटना 

यह मामला तब सामने आया जब बिलासपुर के तोरवा निवासी प्रवीण कुमार तरुण ने एंटी करप्शन ब्यूरो के बिलासपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई। प्रवीण ने शिकायत में बताया कि उसकी भूमि ग्राम तोरवा में स्थित है और उसके सीमांकन के लिए उसने नियमानुसार आवेदन किया था। इस कार्य के लिए जब उसने राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन से संपर्क किया तो संतोष ने सीमांकन के लिए 2.50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। संतोष ने प्रवीण से कहा कि उसे 1 लाख रुपये की प्रथम किश्त लाकर देनी होगी। 

प्रवीण कुमार तरुण रिश्वत देना नहीं चाहता था बल्कि वह संतोष को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। इसके बाद उसने एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया और अपनी शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत की सत्यता की जांच के बाद, ACB ने संतोष को पकड़ने की योजना बनाई। 

 रंगे हाथों गिरफ्तारी

योजनाबद्ध तरीके से, प्रवीण कुमार तरुण तहसील परिसर में 1 लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए पहुंचे। जैसे ही संतोष देवांगन ने पैसे स्वीकार किए, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। संतोष देवांगन को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। घटना के तुरंत बाद, जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी संतोष देवांगन को निलंबित कर दिया। बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी किए। इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र में चल रही भ्रष्टाचार की कड़ी को उजागर कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। 

 रिश्वतखोरी की बढ़ती घटनाएं और प्रशासनिक सख्ती

यह घटना छत्तीसगढ़ में हो रही बढ़ती रिश्वतखोरी की घटनाओं की एक कड़ी है। हालांकि, एंटी करप्शन ब्यूरो और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
राजस्व विभाग में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां अधिकारी और कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोगों से अवैध रूप से पैसे मांगते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को और सख्ती बरतनी होगी। 

 एंटी करप्शन ब्यूरो की भूमिका

एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले में जो तत्परता दिखाई है, वह सराहनीय है। शिकायत मिलने के बाद तुरंत जांच करना और सत्यापन के बाद आरोपी को रंगे हाथों पकड़ना ब्यूरो की कार्यकुशलता को दर्शाता है।  ब्यूरो का यह कदम न केवल जनता में विश्वास पैदा करेगा बल्कि अधिकारियों को भी यह संदेश देगा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 

 जनता की भूमिका

इस घटना में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रवीण कुमार तरुण की रही, जिन्होंने निडर होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और रिश्वत देने के बजाय भ्रष्टाचार को उजागर किया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि यदि जनता जागरूक हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो तो भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई संभव है। 

बिलासपुर में हुई इस घटना ने प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। जिला प्रशासन और एंटी करप्शन ब्यूरो की तत्परता और सख्ती से यह संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।  इस घटना से जनता में भी यह विश्वास बढ़ा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें न्याय मिलेगा। ऐसे मामलों में जनता और प्रशासन दोनों की साझी जिम्मेदारी होती है कि वे मिलकर भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करें और एक स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन की स्थापना करें। 
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता और साहस की आवश्यकता है। यदि सभी मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाएं तो निश्चित ही एक बेहतर और स्वच्छ समाज की स्थापना की जा सकती है।


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