मुंगेली कांग्रेस में जिलाध्यक्ष चयन की सुगबुगाहट, संगठन को चाहिए जमीनी, ईमानदार और संघर्षशील नेतृत्व, न कि केवल पदलोलुप चेहरे

मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चयन को लेकर मुंगेली में संगठन सृजन अभियान के तहत तैयारियाँ तेज हो गई हैं। 13 अक्टूबर को कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय पर्यवेक्षक उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष (मध्यप्रदेश विधानसभा) पत्रकारों से रूबरू होंगे। इस दौरान संगठन की भावी दिशा तय करने वाले इस जिले के नेतृत्व को लेकर भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसा होना चाहिए           मुंगेली कांग्रेस का जिलाध्यक्ष?
क्या वह व्यक्ति जो सिर्फ फोटो सेशन और पोस्टर राजनीति में सक्रिय है, या वह कार्यकर्ता जिसने पार्टी के कठिन दौर में भी झंडा थामे रखा?

संगठन को चाहिए ' जननायक' जिलाध्यक्ष
आज जिले की कांग्रेस संगठन को ऐसे नेता की दरकार है जो न केवल जमीनी कार्यकर्ता हो, बल्कि संवेदनशील और संघर्षशील भी हो। जो केवल गुटबाजी नहीं, बल्कि समन्वय और संगठन विस्तार को प्राथमिकता दे।

           पद नहीं, जिम्मेदारी का भाव ज़रूरी
पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस संगठन में कई ऐसे चेहरे उभरे हैं जिनकी पहचान केवल पद पाने की राजनीति से रह गई है। जबकि अब वक्त है कि संगठन ऐसे व्यक्ति को सामने लाए जो जनता और कार्यकर्ताओं दोनों के बीच भरोसे का प्रतीक बने। जिलाध्यक्ष का पद सम्मान से ज्यादा जिम्मेदारी का पद है, और इस जिम्मेदारी को वही निभा सकता है जो ईमानदारी, समर्पण और सादगी से पार्टी के लिए कार्य कर रहा हो।

             संघर्ष के वक्त दिखा हो चेहरा
संगठन की मजबूती केवल चुनावी दिनों में झंडा उठाने से नहीं आती। वह कार्यकर्ता जो मुश्किल समय में भी कांग्रेस के सिद्धांतों पर अडिग रहा हो, जो विरोध के बीच भी पार्टी का झंडा ऊँचा रखे, वही इस पद का असली हकदार कहा जा सकता है।

        निष्ठा, निष्पक्षता और निष्कलंक छवि
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के पास न केवल संगठन चलाने का कौशल होना चाहिए, बल्कि निष्कलंक छवि भी होनी चाहिए। वह व्यक्ति जिस पर सत्ता या विपक्ष दोनों की दबाव राजनीति असर न करे, जो हर वर्ग के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चले, और जो जनता की समस्याओं पर मुखर रहे।
मुंगेली कांग्रेस के जिलाध्यक्ष का चयन केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए। यह उस विचारधारा का प्रतीक बनना चाहिए जो कांग्रेस को फिर से जनता के दिलों में जगह दिला सके। अब देखना यह है कि उमंग सिंघार की मौजूदगी में जिला कांग्रेस किसे अपना नया कप्तान चुनती है, एक सच्चा संगठनकर्ता या एक दिखावटी चेहरा।

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