मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में सरकारी शराब दुकान से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां बिक रही बीयर की बोतलों में ब्रांड और स्टिकर अलग-अलग पाए गए, जिससे साफ संकेत मिलता है कि ग्राहकों को नकली या मिलावटी बीयर बेची जा रही है। यह न सिर्फ उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और जान के लिए भी गंभीर खतरा है।
घटना का खुलासा कैसे हुआ?
मुंगेली के दाऊपारा स्थित शराब दुकान से उपभोक्ता ने खरीदी और फिर गड़बड़ियां सामने आईं
Bira कंपनी की बोतल में Thunder Bolt Classic Super Strong 650 ML का स्टिकर चिपकाया गया था।
वहीं Thunder Bolt ब्रांड की बोतल पर Simba Pride Series Strong Beer 650 ML का स्टिकर लगा था।
तो एक बोतल में Simba का पूरा स्टिकर था, जिसमें MRP, पैकिंग तारीख, बैच नंबर आदि की जानकारी दी गई थी, लेकिन बोतल पर कहीं भी कोई कंपनी का नाम या ब्रांड अंकित नहीं था, यानी वह बोतल पूरी तरह से बिना ब्रांड की थी। इससे स्पष्ट है कि या तो बोतलें दोबारा भरकर बेची जा रही हैं, या नकली बियर तैयार कर असली ब्रांड का स्टिकर लगाकर ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा है।
मिनेश घृतलहरे (कांग्रेस युवा नेता) ने उठाया बड़ा सवाल
इस मामले को लेकर कांग्रेस के युवा नेता मिनेश घृतलहरे ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा: मुंगेली में बियर की बोतल मिली है जिसमें दूसरे कंपनी का जैसे ये बीरा कंपनी का बोतल है जिसमें थंडर का स्टिकर लगाकर के एक है थंडर बोल्ट जिसे (बिरा वीडियो में कहा गया है), बोतल है जिसमें सिम्बा का स्टिकर लगाकर के नकली बियर मुंगेली के दाऊपारा स्थित शराब दुकान में बेची जा रही है जिससे लोगों के साथ खिलवाड़ हो रहा है, उनके स्वास्थ के साथ साथ अगर ज्यादा हानिकारक हुआ तो उनकी जान भी जा सकती है, इस पर रोक लगाने की सख्त जरूरत है जितना जल्दी हो सके सरकार से अनुरोध है कि बंद करवाएं ऐसे कार्य करने वाले संलिप्त लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई करें।
क्या है खतरा
1. स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम: नकली बियर में हानिकारक रसायन और मिलावट हो सकती है, जो गंभीर बीमारी या मौत तक का कारण बन सकती है।
2. कानूनी अपराध: किसी ब्रांड की बोतल में दूसरी कंपनी का स्टिकर लगाकर शराब बियर बेचना , कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट और आबकारी कानून का उल्लंघन है।
3. जनता का विश्वास टूटना: सरकारी दुकान से मिल रही शराब भी अगर नकली है, तो जनता किस पर भरोसा करे?
अब जरूरी है: तत्काल जांच
सभी शराब दुकानों और उनके सप्लायर्स की जांच की जाए।
CCTV फुटेज और स्टॉक रजिस्टर चेक किया जाए ताकि यह पता चले कि कब और कैसे ये बोतलें दुकान में आईं।
जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई हो।
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