मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । जिले में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नौकरियों में भर्ती होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर दिव्यांगजनों ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की, जो प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त हुई।
शिक्षा विभाग में फर्जी भर्ती का आरोप
दिव्यांगजनों का आरोप है कि जिले में हाल ही में हुई शिक्षकों की भर्ती में कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिन्होंने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कर फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की नियुक्ति रद्द करने और योग्य दिव्यांग उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
राज्य मेडिकल बोर्ड से भौतिक परीक्षण की मांग
भूख हड़ताल पर बैठे दिव्यांगजनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सभी संदेहास्पद दिव्यांग प्रमाण पत्रों का भौतिक परीक्षण राज्य मेडिकल बोर्ड, रायपुर से कराया जाए। उनका कहना है कि यदि 15 दिनों के भीतर इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे 30 तारीख को प्रधानमंत्री की छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान काला झंडा दिखाकर विरोध दर्ज कराएंगे।
प्रशासन का क्या कहना है?
इस पूरे मामले पर जब मुंगेली डिप्टी कलेक्टर अजय शतरंज से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों का ज्ञापन प्राप्त हो गया है और इसे उच्च अधिकारियों तक भेजा जाएगा। हालांकि, प्रशासन की ओर से किसी ठोस कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है, जिससे दिव्यांगजनों में रोष बना हुआ है।
दिव्यांगजन बोले – हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो होगा बड़ा आंदोलन
दिव्यांगजनों ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने 15 दिनों के भीतर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया, तो वे राज्यभर में व्यापक आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या कदम उठाता है। क्या फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर मिली सरकारी नौकरियों की निष्पक्ष जांच होगी, या फिर दिव्यांगजन एक और बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे?
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