मुंगेली नगर पालिका में सियासी हलचल – उपाध्यक्ष सहित तीन भाजपा पार्षदों ने पीआईसी से दिया इस्तीफा! जाने PIC का कार्य और क्यों बनाए जाते है ?


(राष्ट्रीय हिंदी दैनिक भारत भास्कर के वेब न्यूज अनुसार)
मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । नगर पालिका परिषद में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई अब खुले रूप में सामने आ चुकी है। हाल ही में नगरपालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला द्वारा गठित प्रेसिडेंट इन काउंसिल (PIC) में उपाध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा सहित तीन भाजपा पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। इस घटनाक्रम ने न केवल नगर पालिका में हलचल मचा दी है, बल्कि नगर विकास पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

चार दिन पहले बनी थी पीआईसी, फिर क्यों हुआ विरोध?
नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला ने चार दिन पहले ही पीआईसी का गठन किया था, जिसमें युवा, महिलाएं और अनुभवी पार्षदों को शामिल किया गया था। इसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों को जगह दी गई थी, जिसे नगर के विकास के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा था। लेकिन महज कुछ दिनों में ही राजनीतिक समीकरण बदल गए और भाजपा पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इस्तीफे का पत्र
सबसे ज्यादा चर्चा इस्तीफे को लेकर हुई सोशल मीडिया पोस्ट ने बटोरी। भाजपा के एक पार्षद ने एक व्हाट्सएप ग्रुप में नगर पालिका उपाध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा के लेटरपेड पर लिखा हुआ इस्तीफा पत्र पोस्ट किया, जिसमें तीन पार्षदों –
जयप्रकाश मिश्रा (उपाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद), मोहन मल्लाह (पार्षद), जितेंद्र दावड़ा (पार्षद) के नाम थे। लेकिन इस पत्र में पार्षद जितेंद्र दावड़ा के हस्ताक्षर नहीं थे। कुछ देर बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई और फिर नया पत्र पोस्ट किया गया, जिसमें दावड़ा के हस्ताक्षर जोड़ दिए गए थे। इस पर सवाल उठने लगे कि जब पार्षद जितेंद्र दावड़ा प्रदेश से बाहर हैं, तो उनका हस्ताक्षर पहले वाले पत्र में क्यों नहीं था?

भारत भास्कर वेब न्यूज अनुसार, जितेंद्र दावड़ा ने दी सफाई, लेकिन सवाल कायम
जब इस बारे में पार्षद जितेंद्र दावड़ा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ से बाहर जाने से पहले ही इस्तीफा पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके थे। लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि अगर पहले से ही हस्ताक्षर हो चुके थे, तो पहला इस्तीफा पत्र बिना हस्ताक्षर के सोशल मीडिया पर क्यों डाला गया था?

क्या नगर विकास पर पड़ेगा असर?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद नगर के आम नागरिकों में यह चिंता बढ़ गई है कि राजनीतिक खींचतान का असर नगर के विकास कार्यों पर पड़ेगा। नगर पालिका परिषद में भाजपा और कांग्रेस के बीच बढ़ते विवाद से यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में नगर पालिका की बैठकों और विकास योजनाओं में भी गुटबाजी देखने को मिल सकती है।

क्या कहती है राजनीतिक गणित?
नगर पालिका परिषद में 22 वार्ड हैं, जिनमें कांग्रेस के 11 पार्षद और नगर पालिका अध्यक्ष भी कांग्रेस से हैं।
भाजपा पार्षदों को पीआईसी में जगह दी गई थी, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस अब पूरी तरह से अपने पार्षदों को इसमें शामिल करेगी?
इस्तीफे के बाद भाजपा खेमा इसे अनदेखी का नतीजा बता रहा है, जबकि कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक दबाव का हिस्सा है।

अब आगे क्या?
क्या भाजपा के अन्य पार्षद भी पीआईसी से इस्तीफा देंगे?
नगर पालिका की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर क्या निर्णय लिया जाएगा?
क्या इस सियासी लड़ाई के चलते नगर पालिका के विकास कार्य रुक सकते हैं?
         इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे। लेकिन एक बात तय है – मुंगेली नगर पालिका में अब राजनीति का नया अध्याय शुरू हो चुका है!

               जाने PIC क्या होता है ? 
PIC (President-in-Council) यानी अध्यक्षीय परिषद एक नगर पालिका या नगर निगम में बनी एक महत्वपूर्ण समिति होती है, जो नगर प्रशासन और विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करती है।

PIC की भूमिका और कार्य:
1. नगरपालिका अध्यक्ष की सलाहकार समिति:
PIC नगर पालिका अध्यक्ष को प्रशासनिक और नीतिगत फैसले लेने में सहायता करती है।
यह नगरपालिका के कामकाज की देखरेख और सुधार के लिए सुझाव देती है।

2. विभिन्न विभागों का संचालन:
नगर पालिका में जल आपूर्ति, सफाई, निर्माण, टैक्स वसूली और अन्य सेवाओं के लिए अलग-अलग विभाग होते हैं।
PIC के सदस्य इन विभागों की जिम्मेदारी संभालते हैं और कार्यों की निगरानी करते हैं।

3. विकास योजनाओं की स्वीकृति:
नगर में होने वाले विकास कार्यों, बजट आवंटन और योजनाओं पर चर्चा कर निर्णय लेने का अधिकार PIC को होता है।
यह परिषद नगर पालिका की बैठकों में प्रस्ताव रखती है और उनके क्रियान्वयन पर नजर रखती है।

4. नागरिक मुद्दों का समाधान:
नगरवासियों से जुड़े मुद्दों पर विचार कर उन्हें हल करने के लिए नीतियां बनाती है।
सफाई व्यवस्था, जल निकासी, सड़क निर्माण जैसी समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभाती है।

PIC का गठन कैसे होता है?
नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा गठन: नगरपालिका अध्यक्ष अपने विशेषाधिकार के तहत पार्षदों को PIC में शामिल करता है।
पार्षदों का चयन: इसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्षदों को भी जगह दी जा सकती है, ताकि सभी का प्रतिनिधित्व हो।
संख्या: PIC में कितने सदस्य होंगे, यह नगर पालिका के नियमों और कुल वार्डों की संख्या पर निर्भर करता है।

मुंगेली नगर पालिका मामले में PIC का विवाद क्यों?
नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षदों को शामिल करके दलगत राजनीति से ऊपर उठने का प्रयास किया। लेकिन भाजपा के तीन पार्षदों (उपाध्यक्ष सहित) ने इस्तीफा दे दिया, जिससे यह संकेत मिला कि राजनीतिक असहमति और आपसी मतभेद बढ़ रहे हैं।
सवाल यह उठ रहा है कि क्या राजनीतिक खींचतान के कारण नगर विकास प्रभावित होगा?
PIC किसी भी नगर पालिका के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था होती है, जो शहर के सुचारू विकास के लिए काम करती है। लेकिन जब राजनीतिक असहमति हावी हो जाती है, तो नगर विकास योजनाओं में बाधा आने की संभावना बढ़ जाती है।
(आगे की अपडेट्स के लिए जुड़े रहें छत्तीसगढ़ प्रसार के साथ।)

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