सुकमा । छत्तीसगढ़ प्रसार । सुकमा जिले में चार पत्रकारों को फंसाने की साजिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव, विश्व दीपक राई द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हें फंसाने की कोशिश की गंभीर आरोप लगाए गए थे। संघ ने इस मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुकमा के पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई। सुकमा जिले के टीआई अजय सोनकर के खिलाफ पत्रकारों की शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद, उन्हें आज दिनांक 12 अगस्त 2024 को निलंबित कर दिया गया है। जांच अधिकारी, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री परमेश्वर तिलकवार द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के अनुसार, निरीक्षक अजय सोनकर ने 10 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि को आर.एन.एस. लॉज में जाकर अनधिकृत रूप से सीसीटीवी फुटेज के डीवीआर को अपने कब्जे में लिया, बिना विधिवत प्रक्रिया का पालन किए। इस घटना के चलते टीआई अजय सोनकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और बताया जा रहा है की उसे 324 और 331 धारा के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुंगेली ब्लाक सह सचिव अरविंद बंजारा ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग को दोहराया है, ताकि इस मामले में शामिल सभी दोषियों को सख्त सजा दी जा सके। अरविंद का कहना है कि यह मामला पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। पत्रकारों के वाहन में गांजा पाए जाने की घटना के बाद से ही मामले में संदेह गहराता जा रहा था। सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया कि रात के समय कुछ अज्ञात लोग पत्रकारों की गाड़ी खोलते हुए देखे गए थे, और बाद में इस फुटेज को डिलीट करने की भी कोशिश की गई। इस मामले ने न केवल राज्य के पत्रकारों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा की है, बल्कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाती है और कैसे दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाता है।
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