मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है कि ग्राम पंचायत सावतपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गंभीर फर्जीवाड़ा किया गया है। ग्राम पंचायत सावतपुर के श्री लीलाधर निषाद एवं अन्य ग्रामवासियों ने कलेक्टर जनदर्शन के समक्ष रोजगार सहायक श्रीमती शीतला कुर्रे पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी तरीके से दूसरे पूर्ण आवास का ऑनलाइन फोटो अपलोड कर योजना के तहत मिलने वाली दूसरी, तीसरी और चौथी किस्त की राशि निकाली है। इसके अलावा, मनरेगा मजदूरी भुगतान में भी अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं, जिसमें मजदूरी की राशि अन्य लोगों के खातों में स्थानांतरित की गई है।
शिकायत के बाद एक जांच टीम गठित हुए , जिसने मामले की जांच की और जांच प्रतिवेदन तैयार किया। प्रतिवेदन के अनुसार, ग्राम पंचायत सावतपुर के 9 आवास योजना के हितग्राही अपने सामूहिक बयान में बताया कि उन्हें शासन से आवास निर्माण हेतु प्रत्येक को एक लाख 20 हजार रुपये मिल चुके हैं। कुछ हितग्राहियों ने बताया कि उनका नींव कार्य, पूर्ण हो चुका है, जबकि अन्य हितग्राहियों ने कहा कि बरसात के कारण उनके निर्माण स्थल पर रेती और गिट्टी रखी हुई है और उन्होंने 15 दिनों के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण कराने का निवेदन किया है।
ग्राम पंचायत के कुल 18 हितग्राहियों के संबंध में की गई शिकायत की जांच में पाया गया कि सुंदर वल्द सदाराम और अनीता पति श्रवण के मकान अभी भी अप्रारंभ हैं। सुंदर वल्द सदाराम की मृत्यु दो वर्ष पूर्व हो चुकी है और उनके पुत्र साहेबलाल रामसाय, टेकू जो बाहर रहते हैं, ने भी इस मामले में जानकारी दी है।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किस तरह से किसी दूसरे आवास का ऑनलाइन फोटो अपलोड कर योजना के तहत किस्त की राशि निकाली गई। इस पर जांच दल ने रोजगार सहायक और हितग्राहियों को 15 दिनों के अंदर कार्य पूर्ण करने के लिए नोटिस देने की अनुशंसा की है और कहा है कि कार्य पूर्ण नहीं करने की स्थिति में हितग्राहियों एवं रोजगार सहायक से नियमों अनुसार राशि वसूली की जानी चाहिए।
स्क्रीनसॉट में देख सकते है, अनिता पति श्रवण की पूर्ण किस्त की राशि निकाली जा चुकी है, और awaassoft.nic.in की साइट पर पूर्ण होने की फोटो अपलोड की जा चुकी है।
स्क्रीनसॉट में देख सकते है, सुंदर वल्द सदाराम की पूर्ण किस्त की राशि निकाली जा चुकी है, और awaassoft.nic.in की साइट पर पूर्ण होने की फोटो अपलोड की जा चुकी है। ( सुंदर की मृत्यु 2 वर्ष पूर्व हो गई है )
ग्रामवासियों की शिकायतें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। 9 हितग्राहियों ने सामूहिक बयान में बताया कि 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि निकाली जा चुकी है, जबकि उनके निर्माण कार्य अधूरे हैं। यह गंभीर विषय है और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेते हुए नियम विरुद्ध कार्य करने वाले के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
इसके अलावा, जांच प्रतिवेदन में यह भी नहीं बताया गया कि सुंदर वल्द सदाराम और अनीता पति श्रवण के मकान अप्रारंभ कैसे रहे, जबकि उनके नाम पर किस्त की राशि निकाली जा चुकी है। यह साफ संकेत देता है कि ऑनलाइन सिस्टम में भी गड़बड़ी की गई है, जिसके कारण फर्जी फोटो अपलोड कर राशि निकाली गई।
जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में रोजगार सहायक श्रीमती शीतला कुर्रे और हितग्राहियों को 15 दिनों के अंदर कार्य पूर्ण करने हेतु नोटिस जारी करने का सुझाव दिया है और कहा है कि कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में उनसे राशि वसूली की जानी चाहिए। लेकिन यह प्रतिवेदन यह स्पष्ट नहीं करता कि किस प्रकार फर्जी तरीके से दूसरे आवास के फोटो अपलोड कर राशि निकाली गई और मनरेगा मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी की गई।
इस पूरे मामले ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पारदर्शिता और इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण विकास योजनाओं की सफलता के लिए ऐसी गड़बड़ियों पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और नियम विरुद्ध कार्य करने वाले के खिलाफ सख्त कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो सके।
इस मामले में ग्रामवासियों की आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और नियम विरुद्ध कार्य करने वाले को उनके कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। कलेक्टर से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराकर इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
इस घटना ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को आवास प्रदान करना है, लेकिन इस प्रकार की अनियमितताएं इस उद्देश्य को धूमिल कर रही हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी हितग्राही सही और पारदर्शी तरीके से योजना का लाभ उठा सकें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता न हो।
इस प्रकार के मामलों में सख्त कार्रवाई न केवल नियम विरूद्ध कार्य करने वाले को उचित न्याय दिलाने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक नजीर भी स्थापित करेगी। इसलिए, यह आवश्यक है कि इस मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच हो और नियम विरुद्ध कार्य करने वाले पर उचित कारवाई किया जाना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ