अन्नदाताओं की हुए जीत,तीनों कृषि विरोधी बिल हुई नाकाम,मोदी सरकार को झुकना पड़ा - प्रकाश अनंत

कोरबा /   मोदी सरकार द्वारा तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद इंटक छत्तीसगढ़ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रकाश अनंत ने कहा कि - सबसे पहली बात यह कि कानून सरकार ने वापस नहीं लिया है बल्कि किसानों ने उसे ऐसा करने पर बाध्य किया है।  आज़ाद भारत के सबसे शानदार, संगठित और अहिंसक लड़ाई में किसानों को जीत मिली है, इससे यह समझ में आता है कि अगर आप नैतिक रूप से सहीं हों तो जीत आखिरकार आपकी ही होगी। 

सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।

  विगत वर्षो में पूरे देश भर में जो केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों को देशद्रोही, आढ़तिये, मुट्ठीभर और खालिस्तानी जैसे तरह-तरह के विशेषणों से नवाजे जाने के बाद इन काले कानूनों को वापस लेने का फैसला सरकार की असफलता दर्शाती है ।कृषि कानूनों को लेकर सरकार का रवैया हद से ज्यादा अड़ियल और तानाशाही भरा रहा था। 
राज्यसभा तक में इसे नियमों को ताक पर रखकर पास करवाया गया था!इसे केंद्र सरकार की तानाशाह रवैया के प्रति  किसानो की जीत बताया है। 
श्री अनंत ने कहा  विगत एक वर्षो से केंद्र सरकार द्वारा पारित  तीन काले कृषि क़ानूनों के विरोध में  देश के‌  650 किसानों ने अपनी जान की आहुति दी है ।
श्री प्रकाश अनंत ने देश भर में आंदोलनरत शहीद किसानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा की  यह कृषि विरोधी काले कानून  किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की भी जीत है।

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