अक्षय लहरे ब्यूरो चीफ जिला मुंगेली
मुंगेली(पथरिया)- नगर में प्रशासन द्वारा नागरिकों के निजी निर्माण कर्यो पर पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की चर्चा गर्म है । पिछले कुछ माह में नागरिको द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यो के विरुद्ध नगर पंचायत द्वारा नोटिस जारी करके निर्माण कार्य रुकवाने की हिदायद दी जा रही लेकिन नोटिस चेहरा देखकर दिया जा रहा नागरिको का आरोप है कि नगर के 15 वार्डों में सैकड़ो निर्माण कार्य चल रहे है लेकिन नोटिस केवल किसी विशेष राजनीतिक पार्टी से जुड़े या प्रशासन के खिलाफ शिकायत करने वालो को ही दिया जा रहा ।ऐसा ही एक मामला नगर के वार्ड क्रमांक 7 का है जहाँ पुराने दुकान को तोड़ कर नया मकान निर्माण किया जा रहा है इस निर्माण कार्य के साथ साथ इस निर्माण कार्य के 200 मीटर में उसी खसरा नम्बर पर कई अन्य निर्माण कार्य शुरू हुए और पूर्ण भी हो गए लेकिन भाजपा के टिकट से दो बार पार्षद रहे नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वर्तमान निर्दलीय पार्षद मनोज पांडेय के निर्माण कार्य पर प्रशासन ने रोक लगा दी है।
मनोज पांडेय ने बताया कि चूंकि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं इएलिये आमजनों को न्याय दिलाने प्रशासन के विरुध्द लड़ाई लड़ते रहा हु हाल ही में मेरे द्वारा नगर में अटके सैकड़ो प्रधानमंत्री आवास की राशि हितग्राहियों को दिलाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करके नगर के गरीबो को उनके आवास के लिए राशि दिलाने की मांग की है पिछले माह व्यपारियों से एक मुश्त कर वसूली के बाद दुकान खोलने जैसे नगर पंचायत पंचायत के आदेश के विरुद्ध व्यपारियों के हित मे नगर पंचायत अध्यक्ष उनके प्रशासन से लड़ाई लड़ा था और व्यपारियों को राहत दिलाई थी इन सब कारणों से मैं नगर पंचायत प्रशासन के दादागिरी का शिकार हो रहा हु और नगर के कुछ नेताओं के इशारे पर प्रशासन अपना प्रशासन धर्म मुझे बदनाम करने और मेरी छवि धूमिल करके यहां के राजनीतिक व्यक्तियों को लाभ दिलाने की नियत से कार्य कर रही है ।
प्रशासन नही मान रहा कोर्ट का आदेश -
मजोज पांडेय की माने तो नगर के नेताओं के दबाव में प्रशासन नही चाहते हुए भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने मजबूर है उनका कहना है कि मेरे निर्माण कार्य को रोकने के लिए अप्रैल 2019 में तात्कालिक तहसीलदार द्वारा स्थगन आदेश दिया गया जिनके विरुद्ध मैं माननीय उच्च न्यायालय विलासपुर के शरण मे न्याय के लिए गया जिस पर माननीय कोर्ट से मुझे 22 अप्रैल 2019 को मुझे राहत देते हुए प्रशासन को अगली सुनवाई तक किसी प्रकार के तोड़फोड़ पर रोक लगा दी जिसके परिपालन में तात्कालिक तहसीलदार मायानन्द चंद्रा ने अपना स्थगन निरस्त कर दिया । अगली सुनवाई में भी नगर पंचायत द्वारा मेरे निर्माण कार्य को अवैध बताने के कागज नही दे पाया फिर 1 जुलाई 2019 माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने मुझे दी गयी राहत अगले सुनवाई तक बनाये रखने को निर्देशित किया है तब से निर्माण बन्द है लेकिन नगर पंचायत द्वारा मुझे परेशान करने के लिए शुक्रवार को मेरे मकान में उपयोग होने वाले निर्माण सामग्री को अवैध रूप जप्त कर लिया गया है जो निश्चित तौर पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उलंघन है।
मेरा एक भी बेजा कब्जा नही -
अपने राजनीतिक आकाओ को लाभ दिलाने के लिए मुझे परेशान किया जा रहा है मैं अपनी अच्छी छवि के कारण लागतार तीसरी बार पार्षद निर्वाचित हुआ हूं और नागरिकों के हित मे लड़ाई लड़ रहा हु इसलिए मेरे छवि खराब करने के लिए कुछ यूं ट्यूब चैनल और समाचार पत्रों में झूठी खबर लगवाया जा रहा है जिसमे 20 जगहों पर बेजा कब्जा बताया जा रहा है जबकि मेरा कहि पर भी बेजा कब्जा नही है मैं शासन के आबादी पट्टे पर काबिज हु । और जो लोग मुझे भू माफिया कह रहे है वही लोग कई सालों पहले पूरा नगर बेच खाये है ।
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