प्रसार छत्तीसगढ़/साकेत जांगड़े
जांजगीर-चांपा= छत्तीसगढ़ के मजदूर जो अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बाहर काम करने पंजाब के अमृतसर गए थे।उनकी वापसी 28 मई 2020 को हुई है।उन्हें चांपा रेलवे स्टेशन से भवानी बस सर्विस से ड़ोड़की के पास स्थित नवापारा खुर्द के शासकीय हाई स्कूल में 79 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है।उस स्कूल में मजदूरों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है सुबह 10:00 बजे पहुंचे मजदूरों का हाल यह है कि हैंड पंप के पानी में कीड़े बिच्छू व मटमैला पानी निकल रहा है।
खाने का हाल तो यह है कि उन मजदूरों को शाम 5:00 बजे तक बिस्कुट भी नसीब नहीं हुआ है।हमारे संवाददाता ने वहां उपस्थित सरपंच खीक कुमार चौहान से मजदूरों के खाने पीने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कितने मजदूर यहां आ रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं दी गई थी यही हाल वहाँ उपस्थित सचिव मनहरण लाल कवर व पंच रामकुमार गबेल का भी है।उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इसी हैंडपंप के पानी को शासकीय हाई स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी पीते हैं पर उन्होंने कभी हमें शिकायत नहीं की।इसी बात से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि क्वॉरेंटाइन में रहने वाले मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग क्यों जाते हैं विगत दिनों क्वॉरेंटाइन में रहने वाले की मौत सांप के काटने से हो गई थी।छत्तीसगढ़ शासन व प्रशासन को इसपर गंभीर रूप से विचार करना चाहिए।क्योंकि मजदूरों की जिंदगी का सवाल है। ऐसे स्थिति में मजदूर यही सोचते हैं कि यहां रहकर मरने से अच्छा है कि हम घर जाकर मरे।
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