मुंगेली में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ की शुरुआत – जनजातीय विकास की नई दिशा


मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई 2025 को आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया गया है। यह अभियान प्रधानमंत्री के विज़न सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास पर आधारित है और इसे विश्व का सबसे बड़ा जनजाति नेतृत्व माना जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में स्वच्छ पेयजल, पक्का आवास, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और शासन की योजनाओं की शतप्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करना है। यह केवल ऊपर से नीचे तक सेवा प्रदान करने की व्यवस्था नहीं, बल्कि समुदाय संचालित परिवर्तनकारी है, जिसमें आदिवासी नागरिक लाभार्थी के साथ-साथ परिवर्तन के अगुवा, परम्परा के संरक्षक और विकास के सह-निर्माता के रूप में स्थापित होंगे। मुंगेली जिले में इस अभियान के अंतर्गत 3 ब्लॉक के 35 आदिवासी बाहुल्य ग्राम, 5,498 परिवार और 22,890 लोग शामिल किए गए हैं। इसके लिए 3 स्तरीय चेंजमेकर मॉडल बनाया गया है –आदि कर्मयोगी : राज्य से लेकर ग्राम तक के अधिकारी-कर्मचारी, जो नेतृत्व व कार्य निष्पादन करेंगे। आदि सहयोगी : शिक्षक, डॉक्टर, युवा नेता आदि, जो मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करेंगे। आदि साथी : स्थानीय बुजुर्ग, स्वयंसेवक, महिला समूह सदस्य आदि, जो गाँव की ज़रूरतें पहचान कर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। 
हर चिन्हांकित ग्राम में एक आदि सेवा केन्द्र स्थापित किया जाएगा, जहाँ से ग्राम विकास योजना (Village Vision Building) बनाई जाएगी और सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक सभी ग्रामों में आदि सेवा पर्व आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ ग्राम स्तर पर शासन की सेवाओं की प्रदायगी को सशक्त करना और ट्रायबल विलेज विज़न 2030 तैयार करना है। इसके साथ ही हर सोमवार आदि सेवा दिवस मनाया जाएगा, जिसमें सभी विभागीय अधिकारी गाँव में पहुँचकर योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे। इस अभियान में मुख्य रूप से 7 लाइन विभाग – वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य और आदिवासी विकास विभाग शामिल हैं, जबकि कुल 17 विभागों की संयुक्त भागीदारी से यह कार्यक्रम संचालित होगा। अभियान का ध्येय है – अपना गाँव, समृद्धि का सपना, जिसके तहत समुदाय, सिविल सोसायटी और प्रशासन मिलकर आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखेंगे।

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