कोंडागांव । छत्तीसगढ़ प्रसार । शासन से मान्यता प्राप्त गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में, शिक्षक दंपति नरसिंह मंडावी एवं नीता मडवी के निलंबन समाप्ति की मांग को लेकर जिला प्रशासन से निर्णायक वार्ता हुई। संगठन के उप प्रांताध्यक्ष भोला राम मरकाम के नेतृत्व में जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी कोंडागांव से भेंट कर समस्या से अवगत कराया गया। वार्ता के पश्चात प्रशासन द्वारा 10 महीने पूर्व निलंबित किए गए दंपति को शीघ्र बहाल करने का भरोसा दिया गया, जिसके बाद 15 जुलाई से प्रस्तावित आमरण अनशन स्थगित कर दिया गया। ज्ञात हो कि दिनांक 03 सितंबर 2024 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा आश्रम अधीक्षक पद पर कार्यरत नरसिंह मंडावी एवं उनकी पत्नी नीता मडवी को निलंबित कर दिया गया था। यद्यपि दोनों द्वारा तत्काल आरोप पत्र का जवाब दे दिया गया था, फिर भी लगभग 10 माह बीत जाने के बावजूद बहाली नहीं हो सकी। इस उपेक्षा के विरोध में दंपति ने 15 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया था। प्रशासन की इस निष्क्रियता और अनदेखी पर संगठन ने कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी से भेंट की। संगठन के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि एक अनुसूचित जनजाति शिक्षक दंपति के साथ अन्याय और प्रशासनिक असंवेदनशीलता का है।
सकारात्मक वार्ता के बाद जिला प्रशासन ने निलंबन अवधि को कार्यकाल मानते हुए दस माह के वेतन सहित शीघ्र बहाली का आश्वासन दिया। प्रशासन की इस पहल पर आमरण अनशन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी – बस्तर संभाग अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, जिला अध्यक्ष एम.के. राणा, अनिल नाग, कमल नाग, हीरा सिंह बघेल, धनपत नेताम, संभाग सचिव झिटकु राम मरकाम सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन अपने वचन पर अमल नहीं करता है, तो आंदोलन की दिशा और अधिक व्यापक होगी। उक्त जानकारी प्रांताध्यक्ष अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने दी।
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