शराब बना काल: कलयुगी भाई ने शराबी बड़े भाई की पत्थर मारकर कर दी हत्या, खुद ही बन गया शिकायतकर्ता, ऐसे खुला राज

मुंगेली । छत्तीसगढ़ प्रसार । छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल पारिवारिक रिश्तों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि समाज में शराब जैसी बुराई के घातक असर को भी उजागर कर दिया है। मामला है पथरिया थाना क्षेत्र के ग्राम घुठेली का, जहां एक छोटे भाई ने शराबी बड़े भाई की पत्थर से मारकर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद ही ‘अज्ञात आरोपी’ बनाकर थाने में रिपोर्ट लिखवा दी।

शराब पीने का आदी था मृतक, घर में करता था अत्याचार
पुलिस की गहन पूछताछ में यह बात सामने आई कि मृतक उमेश राजपूत अक्सर शराब के नशे में धुत होकर अपने माता-पिता और भाई को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। कई बार बात मारपीट तक पहुंच जाती थी। बार-बार समझाने के बावजूद उमेश की आदतें नहीं सुधरीं।

हत्या के बाद किया ड्रामा, थाने में खुद दर्ज करवाई झूठी                               रिपोर्ट
1 जुलाई की सुबह करीब 9:40 बजे दुर्गेश राजपूत ने पथरिया थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका बड़ा भाई उमेश घर के परछी में मृत अवस्था में पड़ा है। सिर पर गंभीर चोट और खून बह रहा है। उसने दावा किया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उमेश की हत्या कर दी है। पुलिस ने इस रिपोर्ट पर तत्काल मर्ग कायम कर जांच शुरू की। लेकिन घटनास्थल की स्थिति, मृतक की सामाजिक छवि और कुछ अन्य परिस्थितियों ने पुलिस को संदेह में डाल दिया।

साइबर सेल और मनोवैज्ञानिक पूछताछ से निकला सच
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देशन पर एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा, उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल, साइबर सेल प्रभारी सुशील कुमार बंछोर और थाना पथरिया की टीम शामिल थी। पुलिस ने जब दुर्गेश से मनोवैज्ञानिक और तथ्यात्मक तरीके से पूछताछ की, तब उसकी जुबान लड़खड़ाने लगी। धीरे-धीरे उसने सच्चाई उगल दी कि उसने खुद अपने भाई की हत्या की थी।

रच दिया खौफनाक प्लान: अस्पताल से लौटकर की हत्या
जांच में सामने आया कि 30 जून की रात दुर्गेश अपनी पत्नी के साथ आकृति अस्पताल, पथरिया में रुका हुआ था, जहां उसकी बहन का इलाज चल रहा था। अगली सुबह वह अपनी मोटरसाइकिल से गांव लौट आया। घर पर अकेले मौजूद अपने बड़े भाई उमेश से वह पहले से नाराज़ था। उमेश नशे में धुत था, और उसने कुछ समय पहले माता-पिता को पीटा था।
इन्हीं पुरानी रंजिशों से परेशान होकर दुर्गेश ने आंगन में पड़े एक भारी पत्थर से उमेश के सिर पर दो बार वार कर उसकी हत्या कर दी। फिर खुद ही बन गया 'प्रार्थी', और थाने पहुंचकर अज्ञात हत्यारे का ड्रामा रच दिया।

सबूत भी जुटाए: खून लगा पत्थर और बाइक जप्त
पूछताछ में दुर्गेश ने बताया कि उसने खून लगे पत्थर को घर में छिपा दिया था और हत्या के वक्त इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल को भी उसने घर पर ही खड़ा कर दिया था। पुलिस ने दोनों साक्ष्य बरामद कर लिए हैं। दुर्गेश राजपूत को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 और 235(ख) के तहत अपराध क्रमांक 135/25 में विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

शराब: एक जहर जो रिश्तों को खा रहा है
इस पूरे प्रकरण का सबसे बड़ा और मार्मिक पहलू यह है कि इस हत्या के मूल में शराब है। उमेश राजपूत शराब पीने का आदी था और उसी शराब ने उसके व्यक्तित्व को इतना हिंसक बना दिया कि उसका अपना परिवार उससे डरने लगा। जिस मां-बाप की छाया बनना चाहिए था, उसी घर में वह खौफ बन गया। जब शराब नशा नहीं बल्कि ज़हर बन जाए, तो ऐसे ही भयानक परिणाम देखने को मिलते हैं। शराब की लत ने न सिर्फ एक युवक की जान ले ली, बल्कि एक पूरा परिवार तबाह कर दिया – एक बेटा मारा गया, दूसरा हत्या के आरोप में जेल पहुंच गया और माता-पिता के दोनों बेटे खत्म हो गए।

पुलिस की तेजी और टीमवर्क से 6 घंटे में हुआ खुलासा
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तेजी से जांच कराई। मात्र 6 घंटे में पूरा केस सुलझा लिया गया। जांच में निरीक्षक रघुवीर लाल चंद्रा (थाना प्रभारी पथरिया), प्रआर. यशवंत डाहिरे, नरेश यादव, लोकेश राजपूत, रवि जांगड़े सहित साइबर सेल व पथरिया थाना की टीम की सराहनीय भूमिका रही।

समाज के लिए सीख: शराब को आज नहीं रोका तो कल                         देर हो जाएगी

इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि शराब सिर्फ एक व्यक्ति की आदत नहीं, पूरे समाज की त्रासदी है। यह घटना उन सभी परिवारों के लिए चेतावनी है, जहां शराब को मामूली लत समझा जाता है। शराब के नशे में रिश्ते जल जाते हैं, भाई से दुश्मन बन जाते हैं, और घर कब श्मशान बन जाए – कोई नहीं जानता।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ